दरअसल खामोशियों को रफ़ू करवाया है मैंने.
बस आखरी बार इस तरह मिल जाना,
मुझ को रख लेना या मुझ में रह जाना....!!
क्या इतनी दूर निकल आये है हम....
की तेरे ख्यालों में भी नहीं आते....????
कहाँ चलता है आजकल का प्यार वर्षो तक...
एक महीने में मिटा के जिस्म की प्यास मुँह फेर लेते है लोग....