दिल के कालों से अल्लाह बचाये.
मेरे पास खामोशी के सिवा कोई हल नहीं,
मैं बात करती हूँ तो बत बिगड़ जाती है.
नाम उसका ज़ुबान पर आते आते रुक जाता है,
जब कोई मुझसे मेरी आखिरी ख्वाहिश पूछता है।
तेरी मजबूरियाँ समझते है हम,
मगर तू ने जो वादा किया था वो याद तो कर
सैड शायरी इन हिंदी
दूर होना किस्मत में था,
अलग होना चाहत थी तुम्हारी ।
तू और तेरे वादे
दोनों ही झूठे निकले
सब अपने से लगते हैं
लेकिन, सिर्फ बातों से..!
बचके रहना इस शहर के ज़ालिम लोगों से जनाब,
सीने से लगाने के बहाने कलेजा नोच लेते हैं.
वैसे ही कहदो तुम्हारे काबिल नहीं,
औकात के ताने क्यों देते हो.
ज़िन्दगी कबकी खामोश हो गयी,
दिल तो आदतन धड़कता है.