दिल के एक बहाने से हार जाता है?
तुमसे दूर जाकर भी क्यों
तेरे ही इंतजार में पलकें बिछाता है?
तू मेरा नहीं ये जान कर भी क्यों
ये तेरी ही यादों में सुकून पाता है?
मोहब्बत में दर्द पाकर भी क्यों
ये हरपल मुस्कुराता है?
स्वंय को सुलझाता हुआ इंसान क्यों
प्रेम में उलझ सा जाता है?