तेरे होने पर भी खुद को तनहा समझूँ
में बेवफा हु के तुजे बेवफा समझूँ
तेरी बेरुखी से वक़्त तो गुज़र गया हें मेरा
यह खुद्दारी हें तेरी या तेरी अदा समझूँ
तेरे बाद क्या हाल हुआ हें मेरा
ये तेरी इनायत हें या समझूँ
ज़ख़्म देती हो और मरहम भी लगाती हो
यह तेरी आदत हें या तेरी अदा
from : Hindi Shayari हिंदी शायरी लिखा हुआ