तेरा चेहरा सुब्ह का तारा लगता है !
सुब्ह का तारा कितना प्यारा लगता है !
तुम से मिल कर इमली मीठी लगती है !
तुम से बिछड़ कर शहद भी खारा लगता है !
रात हमारे साथ तू जागा करता है !
चाँद बता तू कौन हमारा लगता है !
किस को खबर ये कितनी कयामत ढाता है !
ये लड़का जो इतना बेचारा लगता है !
तितली चमन में फूल से लिपटी रहती है !!
फिर भी चमन में फूल कँवारा लगता है;
'कैफ' वो कल का 'कैफ' कहाँ है आज मियाँ;
ये तो कोई वक्त का मारा लगता है।