थक' गया 'दर्द' भी अपनी ' अदाकारी' करते- करते !
ऐ 'खुशी'.. कभी तू भी अपना 'किरदार' 'निभा' दे !!
ज़िंदगी मे ऐसे मोड़ आते है !
सावन के बाद पतझड़ आते है !
आँसुओं के सागर मे मोती मिलते है !
जो ढूँढ ले वो ज़िंदगी जी लेते है !!