डरते है आग से कही जल न जाये
डरते है ख्वाब से कहीं टूट न जाये
लेकिन सबसे ज़्यादा डरते है आपसे
कहीं आप हमें भूल न जाये।
ये सोच कर अपनी हर हँसी बाट दी मेने
कि किसी ख़ुशी पर मेरा भी नाम हो जाए:
मुख़्तसर सा सफर है मेरा कोन जाने कब
मेरे इस सफर की आखरी शाम हो जाए