वही करता और वही करवाता है ,
क्यू बंदे तू इतराता है ।
इक साँस भी नही है तेरे बस की ,
वही सुलाता और जगाता है
डूबा हुआ हूँ ना निकल पाऊँगा मैं कभी,
ख़ूबसूरत मुस्कुराहट और आँखों से तेरी.
एक और ईंट गिर गई दीवार ए जिंदगी से
नादान कह रहे हैं नया साल मुबारक हो
रखा करो नजदीकियॉ.....
जिन्दगी का कुछ भरोसा नही....
फिर मत कहना....
चले भी गऐ और बताया भी नही....!