Poetry Tadka

Zindagi Shayari

Kise Btaau Ki Guzri Hai Kaise Zindagi

किसे बताऊँ कि गुज़री है ज़िंदगी कैसे !
जहां में कोई भी भाया, तो तेरी याद आयी !!

Zindagi Aur Kuch Bhi Nahi

कुछ पाकर खोना है, कुछ खोकर पाना हैं !
जीवन का मतलब तो, आना और जाना हैं !
दो पल के जीवन से, एक उम्र चुरानी हैं !
जिन्दगी और कुछ भी नहीं, तेरी मेरी कहानी हैं !!

Jo Beti Sar Jhuka Ke Chalti

जो बेटी सिर झुका कर चलती है !
उसके वालिद का सिर कभी नहीं झुकता !!

Sar Jhuka Ke Bole

पुछा हाल शहर का तो सर झुका के बोले
लोग तो ज़िंदा हैं जमीरों का पता नहीं !!

Guzar Jane De Es Zindagi Ko

गुज़र जाने दे इस ज़िन्दगी को गिरते पत्तों की तरह !
यूँ पल-पल मरना भी किसी सज़ा से कम नहीं होता !!