Poetry Tadka

Zakhmi Dil Shayari

Jala Raha Hai Mujhe

ये क्या सितम  है‍,क्यूं रात भर सिसकता है

वो कौन है जो "दियों" में जला रहा है मुझे

jala raha hai mujhe

Log Saboot Mangte

अंदर से तो कब के मर चुके है हम,

ए मौत तू भी आजा लोग सबूत मांगते है

log saboot mangte

Dil Ka Dard

जब कोई ख्वाब अधुरा रह जाते हैं !

तब दिल के दर्द आंसु बनकर बाहर आते हैं

dil ka dard

Hamari Kamzori Thi

उन्हें चाहना हमारी कमजोरी है

उनसे कह नही पाना हमारी मजबूरी है

वो क्यूँ नही समझते हमारी खामोशी को

क्या प्यार का इज़हार करना जरूरी है

hamari kamzori thi

Wo Tera Hona Nahi Chahta

कितना नादान है ये दिल कैसे समझाऊ 

तू जिसे खोना नहीं चाहता हो तेरा होना नहीं चाहता 

wo tera hona nahi chahta