Zakhmi Dil Shayari
kya mujhsa bhi jeet ke hara
वो मेरा होकर भी मुझसे जुदा सा रहा !
क्या कोई मुझसा भी जीत के हारा होगा !!
क्या कोई मुझसा भी जीत के हारा होगा !!
barbadi ka dosh
बर्बादी का दोष दुश्मनो को देते रहे !
दोस्तो को भी परखा होता तो अच्छा होता !!
दोस्तो को भी परखा होता तो अच्छा होता !!
mohabbat ki dastan
दो शब्दो मे सिमटी है मेरी मोहब्बत की दास्तान !
उसे टूट कर चाहा और चाह कर टूट गये !!
उसे टूट कर चाहा और चाह कर टूट गये !!
jab koi chahat nakam hoti hai
जब कोई चाहत नाकाम हो जाती है !
मंजिलों की जैसे फिर शाँम हो जाती है !
हसरतें बिखरती हैं कुछ इसतरह अपनी !
जिन्दगी ही दर्द का एक नाम हो जाती है !!
मंजिलों की जैसे फिर शाँम हो जाती है !
हसरतें बिखरती हैं कुछ इसतरह अपनी !
जिन्दगी ही दर्द का एक नाम हो जाती है !!