Poetry Tadka

Zakhmi Dil Shayari

Rojana Ssural Jana Thik Nahi Hai

वो बोली तुम मेरी गली में क्यु नहीं आते !
मेने कहा पागल रोजाना सुसराल जाना ठीक नहीं है !!

Mana Ki Khud Chal Kar Aaae Hai

माना की खुद चल कर आये हैं तेरे दर पर ऐ मोहबत !
मगर दर्द दर्द और सिर्फ दर्द ये कहाँ की मेहमान नवाजी है !!

Dard Bhara Ahsas

कितना अजीब शौक पाला है दर्द भरा अहसास लिखने का !
लिखू तो लोग परेशान न लिखू तो दिल परेशान !!

Kuch To Shrafat Sikh Le

कुछ तो शराफत सीख ले ऐ मोहबत, शराब से !
बोतल पे कम से कम लिखा तो है कि "मै जानलेवा हूँ !!

Koshis Ke Baad Bhi Mukammal Naa

कोशिश के बाद भी जो मुकम्मल ना हो सके !
तेरा नाम भी उन्ही ख्वाहिशों में शामिल है !!