Poetry Tadka

Zakhmi Dil Shayari

Hamne Bhi Kabhi Chaha Tha

हमने भी कभी चाहा था एक ऐसे शख्स को !
जो आइने से भी नाज़ुक था मगर था पत्थर का !!

Zism Ke Ghaw

जिस्म के घाव तो भर ही जायेंगे एक दिन !
खेरियत उनकी पूछ ए-दोस्त, जिनके दिल पर वार हुआ है !!

Mujhe Ek Ne Bola

मुझे एक ने बोला कि 99% लड़कियाँ धोखे बाज होती हैं !
तो मैने कहा सुन बे ढक्कन बचे हुये 1% मे मेरी वाली आती है !!

Ye Shayari Ki Mahfil

ये शायरी की महफ़िल बनी है,आशिकों के लिये !
बेवफाओं की क्या औकात, जो शब्दों को तोल सकें !!

Aadat Sikha Dali

हिज्र के आँचल में ही काँटे कुछ कम निकले I
वरना हमने तो पाँवों को जख्म खाने की आदत सिखा डाली II