Poetry Tadka

Waqt Shayari

Aap Ke Dushman

आप के दुश्मन रहें वक़्त-ए-ख़लिश सर्फ़-ए-तपिश

आप क्यों ग़म-ख़्वारी-ए-बीमार-ए-हिजराँ कीजिये

 

Chup Chap Khada Hoon

सब एक नज़र फेंक के बढ़ जाते हैं आगे

मैं वक़्त के शो-केस में चुप-चाप खड़ा हूँ

Dard Ki Raat

तुम ने वो वक्त कहां देखा जो गुजरता ही नहीं

दर्द की रात किसे कहते हैं तुम क्या जानो