Poetry Tadka

Waqt Shayari

Kal Mila Waqt To

कल मिला वक़्त तो ज़ुल्फ़ें तेरी सुलझा लूंगा

आज उलझा हूँ ज़रा वक़्त के सुलझाने में

kal mila waqt to

Pal Bhar Me

यूँ तो पल भर में सुलझ जाती है उलझी ज़ुल्फ़ें

उम्र कट जाती है पर वक़्त के सुलझाने में

pal bhar me

Yhi Waqt Hai

सियाह रात नहीं लेती नाम ढलने का,

यही तो वक़्त है सूरज तेरे निकलने का

Ae Dil

ऐ दिल की ख़लिश चल यूँ ही सहीं

चलता तो हूँ उन की महफ़िल में

उस वक़्त मुझे चौंका देना

जब रँग में महफ़िल आ जाए

Khamoosh Huy Jati Hai

वो ख़लिश जिस से था हंगामा-ए-हस्ती बरपा

वक़्त-ए-बेताबी-ए-ख़ामोश हुई जाती है