Poetry Tadka

Waqt Shayari

Waqt Kharch Na Karo

पैसा कमाने के लिए इतना वक़्त खर्च ना करो की
पैसा खर्च करने के लिए ज़िन्दगी में वक़्त ही न मिले
waqt kharch na karo

Waqt Janta Hai

बख्शे हम भी न गए बख्शे तुम भी न जाओगे
वक्त जानता है हर चेहरे को बेनकाब करना.

Jab Dil Pe Chha Rahi Hai

जब दिल पे छा रही हों घटाएँ मलाल की,

उस वक़्त अपने दिल की तरफ़ मुस्कुरा के देख 

Waqt Ki Dard

जिन किताबों पे सलीक़े से जमी वक़्त की गर्द

उन किताबों ही में यादों के ख़ज़ाने निकले

Waqt Meri Tabahi Pe Hasta Raha

वक़्त मेरी तबाही पे हँसता रहा

रंग तकदीर क्या क्या बदलती रही

waqt meri tabahi pe hasta raha