Poetry Tadka

Thought of the day in Hindi

Dost Ho Ya Parinda

दोस्त हो या परिंदा दोनों को आजाद छोड़ दो, लौट आया तुम्हारा और न आया तो तुम्हारा कभी था हे नहीं।

Dard Udaas Hokar

दर्द चला जाता है मेरी दहलीज़ से उदास होकर, परेशान नहीं होता मैं कभी अपनी माँ के पास होकर

Chahne Waalon Ko

चाहने वालों को मिलते नहीं चाहने वाले, मैंने हर दगेबाज़ के साथ सनम देखा है।

Adab Ki Baat Hai

अदब की बात है वरना सोचो!!!! जो सख्स सुन सकता है, वो बोल भी सकता है।

Duniyan Daaron

दुनिया दारों पर अपने दुःख मत ज़ाहिर करो, क्योंकि ये वहां चोट ज़रूर लगाएंगे जहाँ पहले से जख्म होता है।