आज फिर जीवन की किताब खोली तो देखा हर पन्ना तेरी रहमतो से भरा था
ज़िन्दगी ने मेरे मर्ज़ का एक बढ़िया इलाज बताया है
वक़्त को दवा कहा और क्वाहिशो का परहेज बताया है