ख्वाहिश ये बेशक नही कि "तारीफ" हर कोई करे
मगर "कोशिश" ये जरूर है कि कोई बुरा ना कहे.
वो कहती हैँ हम उनकी झूठी तारीफ करते हैँ
ए खुदा बस एक दिन आईने को जुबान दे दे
तारीफ़ के मोहताज नही होते हैं सच्चे लोग, ऐ दोस्त
असली फूलो पर कभी इत्र छिड़का नहीं जाता
तेरे हुस्न पर तारीफ भरी किताब लिख देता
काश के तेरी वफ़ा तेरे हुस्न के बराबर होती