तारीफ़ अपने आप की, करना फ़िज़ूल है,
ख़ुशबू तो ख़ुद ही बता देती है, कौन सा फ़ूल है
लोग भले ही मेरी शायरी की तारीफ न करे
खुशी दुगनी होती है जब उसे कॉपी पेस्ट में देखता हूं
तेरी तारीफ मेरी शायरी में जब हो जाएगी
चाँद की भी कदर कम हो जाएगी
उसने तारीफ़ ही कुछ इस अंदाज से की मेरी,
अपनी ही तस्वीर को सौ दफ़े देखा मैंने!!