Poetry Tadka

Suprabhat Shayari

Kaise Hifazat Karta

मैं चिरागों की भला कैसे हिफाज़त करता

वक़्त सूरज को भी, हर रोज़ बुझा देता है

kaise hifazat karta

Kehne Ko Zindagi

कहने को ज़िन्दगी है मगर इसमें ज़िन्दगी वाली बात नही

भीड़ में शामिल हर कोई है, पर कोई किसी के साथ नही

kehne ko zindagi

Chalo Accha Huaa

चलो अच्छा हुआ भ्रम टूट गया मेरा..

बहुत उम्मीदें लगा ली थी मैंने मोहब्बत से उनकी

chalo accha huaa

Bahut Haseen

बहुत हसीन सही सोहबतें गुलों की मगर,

वो ज़िंदगी है जो काँटों के दरमियाँ गुज़रे।

bahut haseen

Man Ka Koi Kona

मन का कोई कोना अन्धेरे में ना रहे

एक चिराग़ भीतर भी जलाओ यारों

man ka koi kona