Silent Shayari
Mere Zindagi Ka Swal Hai
Na Karta Sikayat
ना करता सिकायत जमाने से कोई
अगर मान जाता मनाने से कोई
किसी को क्यों याद करता कोई
अगर भूल जाता भुलाने से कोई
Tera Wada
Chup Rahna Hi Accha Hai
Aap Ka Har Pal
आप का हर लम्हा गुलाब हो जाए
आप का हर पल सवाब हो जाए
जिन पे बरसती है खुदा की रहमत
आप का नाम भी उनपे सुमार होजाए