Poetry Tadka

Shero Shayari

Tumhari Kya Khata

लडते रहते हैं दो मुल्कों की तरह तुम्हारे लिए !
तुम्हारी क्या खता है इसमें तुम हो ही कश्मीर सी सुंदर !!

Kisi Aur Ke Liae

हमारे इकरार के इरादे को दे जाता है हर रोज शिकस्त !
किसी और के लिये तेरा हल्का सा महफील मे मुस्कुरा देना !!

kisi aur ke liae

Teri Shakl Dikhai De Har Alfaz Me

काश !मैं ऐसी शायरी लिखूँ तेरी याद में !
तेरी शक्ल दिखाई दे हर अल्फ़ाज़ में !!

Hum Akele Gunahgar Nahi

दीवाने है तेरे नाम के इस बात से इंकार नहीं !
कैसे कहें कि तुमसे प्‍यार नहीं !
कुछ तो कसूर है आपकी आखों का !
हम अकेले तो गुनहगार नहीं !!

Meri Aankho Ko Tlash Kis Ki

मुझे मालूम नहीं कि मेरी आँखों को तलाश किस की है !
पर तुझे देखूं तो बस मंज़िल का गुमान होता है !!