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Shayari SMS

december ki aakhri sanse

लिपट लिपट कर कह रही है

ये दिसम्बर की आख़िरी शामें.,

अलविदा कहने से पहले

एक बार गले से तो लगा लो

december ki aakhri sanse

kam bolne se

दबे होंठों को बनाया है सहारा अपना

सुना है कम बोलने से बहुत कुछ सुलझ जाता है

kam bolne se

zamana bhool jate hain

हम कबूल करते हैं , 

हमें फुर्सत नहीं मिलती 

मगर ये भी ज़रा सोचो , 

तुम्हें जब याद करते हैं , 

ज़माना भूल जाते हैं

zamana bhool jate hain

apni kahani

आओ फिर से दोहराएं अपनी कहानी,

मैं तुम्हे बेपनाह चाहूँगा और

तुम मुझे बेवज़ह छोड़ जाना

apni kahani

kaise dekhte honge

हम तो फना हो गए उनकी आंखें देखकर ग़ालिब

न जाने वो आइना कैसे देखते होंगे

kaise dekhte honge
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