आँखों में दोस्तो जो पानी है हुस्न वालों की ये मेहरबानी है
आप क्यों सर झुकाए बैठे हैं क्या आपकी भी यही कहानी है
तुम मेरे पास रहे ये जरूरी तो नहीं
बस जहा भी रहो मेरा ही रहना
ना रहेगा निशान, जहां तू कभी मौजूद था
मानो जैसे तेरी ना कोई हस्ती थी, ना ही कोई वजूद था
अपने हो जाते है पराए एक पल में
आज तू हक़िक़त है, समा जाएगा तेरा नाम भी कल मे