Poetry Tadka

Shayari Sangrah

Lambi Umar Je Leti Hai

औरत के लिए कोई व्रत नहीं करता फिर भी लम्बी उम्र जी लेती है !

करती है राधा की तरह प्रेम मीरा की तरह विस पि लेती है !!

lambi umar je leti hai

Shayari Sangrah 5

सो गयी ये भी पर मेरी आँखों में नींद कहा !

क्यों की प्यार वो दर्द है जो रोने से पहले सोने नहीं देता !!

shayari sangrah 5

Shayari Sangrah 4

महीने भर में करता हूँ इकट्ठे आँसू के सिक्के !

फिर उसके दिल मे रहने का कियारा भेज देता हूँ !!

shayari sangrah 4