उसके सिवा किसी और को चाहना मेरे बस में नहीं,
ये दिल उसका है, अपना होता तो बात और थी.
समंदर बेबसी अपनी किसी से कह नहीं सकता;
हजारों मील तक फैला है, फिर भी बह नहीं सकता!"
अब हिचकिया आती है तो पानी पी लेते है,
ये वहम छोड़ दिया की कोई याद कर रहा है
मैंने दरवाज़े पे ताला भी लगा कर देखा है,
ग़म फिर भी समझ जाते है की मैं घर में हूँ!!
आजकल के हर आशिक की अब तो यही कहानी है..
मजनू चाहता है लैला को, लैला किसी और की दीवानी है!!