Sad Status
Di Sdaae Zindagi Ne
Dil Ki Basti Me Aaj Bhi
Ab Ho Gya Hai Aadmi Dukan Ki Trah
अब हो गया है आदमी दुकान की तरह !
बिकता है यह प्यार सामान की तरह !
पहचान भी है मुश्किल मुखोटो के दोर में !
दीखता है बेड़िया भी इन्सान की तरह !!
Na Tasveer Hai Uski
ना तस्वीर है उसकी जो दीदार किया जाए
ना पास है वो जो उससे बात किया जाए
ये कैसा दर्द दिया उस बेदर्द ने
ना उसके बिन रहा जाए ना उसके बिन जिया जाए