पानी और प्यास के बीच जो रिश्ता एक अनोखा है वह रिश्ता तेरा मेरा है तू मेरी आँखों का पानी है मैं प्यास तेरे जीवन की हूँ तूँ हर पल बहता रहता है मेरी आँखों का मोती बन मैं हर पल बढ़ती रहती हूँ तेरे रोम-रोम की इच्छा बन तेरे और मेरे बीच
जो रिश्ता एक अनोखा है ना अब तक तुझको मैं समझी हूँ ना ही तूने मुझको समझा है