कितना प्यार है तुमसे , वो लफ्ज़ो के सहारे कैसे बताऊँ ,
सिर्फ महसूस होते एहसासो की , गवाही कहाँ से लाऊँ !!
वो चाँद है मगर आप से प्यारा तो नहीं !
परवाने का शमा के बिन गुजारा तो नहीं !
मेरे दिल ने सुनी है एक मीठी सी आवाज़ !
लगता है कहीं आपने मुझे पुकारा तो नहीं !!
फ़िज़ा में महकती शाम हो तुम !
प्यार में छलकता जाम हो तुम !
सीने में छुपाए फिरते हैं हम यादें तुम्हारी !
इसीलिए मेरी ज़िंदगी का दूसरा नाम हो तुम !!