Purani Yaadein Shayari
Purani Yaad Shayari
Purani Yaad
वो बचपन भी क्या दिन थे मेरे
न फ़िक्र कोई..न दर्द कोई.
बस खेलो, खाओ, सो जाओ
बस इसके सिवा कुछ याद नहीं
न फ़िक्र कोई..न दर्द कोई.
बस खेलो, खाओ, सो जाओ
बस इसके सिवा कुछ याद नहीं
Teri Yaadein Shayari
पापा से डर जब लगता था
उन्हें दूर से देख के भगता था
उस दिन क्यूँ पड़ी थे मार मुझे
उस दिन की कहानी याद नहीं
उन्हें दूर से देख के भगता था
उस दिन क्यूँ पड़ी थे मार मुझे
उस दिन की कहानी याद नहीं
Purani Baatein Shayari
कितने किस्से थे दादी के.
हाथों से खाना दादी के.
लाखों नखरे..कितना गुस्सा
वो शर्त पुरानी याद नहीं
हाथों से खाना दादी के.
लाखों नखरे..कितना गुस्सा
वो शर्त पुरानी याद नहीं
Purani Yaadein In Hindi
ढेरों बच्चे जब आँगन में
था शोर-शराबा आँगन में
माँ ने डांटा था चिल्लाकर
वो डांट जबानी याद नहीं
था शोर-शराबा आँगन में
माँ ने डांटा था चिल्लाकर
वो डांट जबानी याद नहीं