Poetry Tadka

Purani Yaadein Shayari

Purani Yaad Shayari

आज की तन्हाई कुछ ज्यादा ही गहरी है- तेरे ख़वाब पर आँख आसुओं से भरी है purani yaad shayari

Purani Yaad

वो बचपन भी क्या दिन थे मेरे
न फ़िक्र कोई..न दर्द कोई.
बस खेलो, खाओ, सो जाओ
बस इसके सिवा कुछ याद नहीं

Teri Yaadein Shayari

पापा से डर जब लगता था
उन्हें दूर से देख के भगता था
उस दिन क्यूँ पड़ी थे मार मुझे
उस दिन की कहानी याद नहीं

Purani Baatein Shayari

कितने किस्से थे दादी के.
हाथों से खाना दादी के.
लाखों नखरे..कितना गुस्सा
वो शर्त पुरानी याद नहीं

Purani Yaadein In Hindi

ढेरों बच्चे जब आँगन में
था शोर-शराबा आँगन में
माँ ने डांटा था चिल्लाकर
वो डांट जबानी याद नहीं