कभी कभी अपनो की इतनी याद आती है की रोने के लिए रात भी कम पड़ जाती है
इतनी तो उम्र भी नहीं मेरी जितनी सबक सिख गाए
हम तो नादान है क्या समझे मोहब्बत का असूल
बस तुम्हे चाहा था तुम्हे चाहेंगे तुझे चाहते है तुझे ही चाहेंगे