तुम्हें खबर नहीं पर हर पल याद किया है तुम्हे।
जब भी नज़र आओगे हम तुमको पुकारेंगे,
चाहो तो ठहर जाना चाहत तो गुजर जाना.
मुझे भेजा था दुनिया देखने को,
मैं एक चेहरे को ताकता रह गया.
बस रिश्ता ही तो टूटा है
मोहब्बत तो आज भी हमे उनसे ही है
अपनी नज़दीकियों से दूर न कर मुझे,
मेरे पास जीने की वजह बहुत कम है.
कितना हसीं है हम दोनों का रिश्ता,
तुम्हारा मुझसे मेरा तुमसे मोहब्बत करना.
मोहब्बत कैसी भी हो कसम से
सजदा करना सिखा देती है
दिल चाहता है हाल तो पुछ लूँ तेरा,
पर डरता हुँ आवाज़ से तेरी.
जब जब सुनी है कमबख़्त दिल
काबू में नहीं रहता !!
दिल तुम्हारा है हमेशा तुम्हारा होगा,
कौन कहता है मुझे इश्क़ दोबारा होगा.
प्यार मोहब्बत आशिकी.ये बस अल्फाज थे.
मगर.. जब तुम मिले तब इन अल्फाजो को मायने मिले
इंतज़ार सिर्फ वही करते हैं,
जिनकी मोहब्बत सच्ची हो
सच्ची मोहब्बत वादों से नहीं
इज़्ज़त देने से हासिल होती है.
नन्ही से परिभाषा है चाहत की
मैं शब्द... तुम अर्थ... तुम बिन मैं व्यर्थ।