Poetry Tadka

Mohabbat Shayari

Wo Kagaj Ka Tukda

ओ कागज का टुकड़ा आज भी फूलो की तरह महकता हैं !
जिस पर कभी उसने लिखा था हमे तुमसे प्यार है !!

Uski Zaroorat

उसकी जरूरत उसका इंतजार और अकेलापन !
थक कर मुस्कुरा देता हूँ मैं जब रो नहीं पाता !!

Unki Mohabbat Ka Silsila

उसकी मुहब्बत का सिलसिला भी क्या अजीब है !
अपना भी नहीं बनाती और किसी का होने भी नहीं देती !!

Gazab Hai Teri Yad

गज़ब है तेरी याद का आना भी मेरे दिल में हमदम !
रफ़्ता रफ़्ता तुजमें शामिल मेरी सांसें हो रही हो जैसे !!

Tumse Alag Kab Hai

मेरी चाहतें तुमसे अलग कब हैं दिल
की बातें तुम से छुपी कब हैं !
तुम साथ रहो दिल में धड़कन की जगह
फिर ज़िन्दगी को साँसों की ज़रूरत कब है !!