उनकी बेरुखी से भी मोहब्बत हो गई
साथ रहते रहते यूहीं वक्त गुज़र जाएगा
दूर होने के बाद कौन किसे याद आएगा
जी लो ये पल जब हुम साथ है
कल का क्या पता, वक्त कहाँ ले जाएगा
खुश तो वो रहते हैं जो जिस्मों से मोहब्बत करते है,
क्यूंकि, रूह से मोहब्बत करने वालों को अक्सर तड़पते ही देखा है
यादो का सिससिला बनाए रखना
दोस्तों से विश्वास बनाए रखना
जान तो नहीं मागेंगे आप से
गुजारिश है दोस्ती बनाए रकना
प्यार से ज्यादा तुम्हे माना ऐ दोस्त
खुद से ऊपर माना तुझे ऐ दोस्त
खफा मत हो मेरे दोस्त मुझसे
ज़िन्दगी जीने की वजह माना तुझे ऐ दोस्त
तुम बेवफा होकर भी इतने अच्छे लगते हो
खुदा जाने अगर बफ़ा होती तो क्या होता
दोस्ती में दूरियां तो आती जाती है
फिर भी दोस्ती दिलो को मिला देती है
वो दोस्त ही क्या जो नाराज ना हो
पर सच्ची दोस्ती दोस्तों को मना लेती है
मुझे उसकी ये अदा कमाल की लगती है
नाराज़ मुझसे होती है और गुस्सा सबको दिखाती है
हम निभाएंगे दोस्ती मरते दम तक
हम तुमको चाहेंगे गम से ख़ुशी तक
ऐ दोस्त हमसे कभी नाराज माँ होना
साथ रहना है हमारे आखरी दम तक
नशा था उनके प्यार का जिसमें हम खो गए,
उन्हें भी पता नहीं चला कि कब हम उनके हो गए।