Poetry Tadka

Mausam Shayari

Ye Shardi

लिपट जाओ मेरी बाँहों में की शाम दिसम्बर है, ये शर्दी कहीं तुमको बीमार न करदे 

Ye shardi

Mausam Badal Raha Hai

मौसम बदल रहा है अपना ख्याल रखना दोस्त, क्योंकि बदलते मौसम और बदलते लोगो बहुत तकलीफ देते हैं 

Mausam badal raha hai

Mausam Sayari

तब्दीली जब भी आती है मौसम की अदाओ मे...
किसी का यूं बदल जाना याद आता है.... Mausam Sayari