Poetry Tadka

Khwahish Shayari

Besharm Ho Gayi Hain

बेशर्म हो गयी हैं, ये ख्वाहिशें मेरी, मैं अब बिना किसी बहाने के तुम्हे याद करने लगा हूँ !!

Khwahish Na Ki

लोग जलते रहे मेरी मुस्कान पर

मैंने दर्द की अपने नुमाईश न की

जब जहाँ जो मिला, अपना लिया

जो न मिला, उसकी ख्वाहिश न की

Sath Tum Ho

ख्वाहिश बस इतनी सी है ,

एक छोटा सा पल हो,

और साथ तुम हो

Abki Baar

अब की बार, अजीब सी ख्वाहिश जगी है

कोई मुझे टूट कर चाहे और,मै बेवफा निकलू

Dil Ki Khawahish

कहाँ पूरी होती हैं दिल 💝 की सारी ख्वाहिशें, 

की.बारिश भी हो.यार भी हो और पास भी हो

Dil ki khawahish