Poetry Tadka

Khwahish Shayari

Meri Khwahish Poori Na Hui

ख्वाहिशें तो मेरी छोटी छोटी थी ,

पूरी न हुई तो बड़ी लगने लगीं 

Aakhri Khwahish

ख्वाहिशात जब मर जाती है तो बस..... समझौते बाकी रह जाते हैं

कहने को दिल में तो बहुत से बाते हैं, मुख़्तसर लफ़्ज़ों में मेरी आखरी ख्वाहिश हो तुम 

सुनो तुम्हे सोच सोच कर थक गया हूँ, अब तुम्हें याद आना चाहता हूँ 

हमारे लिए नहीं हामी पर सही, चलो वो आज दिल खोलकर हँसे तो सही 

Mere Gunaah

मेरे गुनाह मुझे....

मेरे सामने ही गिनवा दो दोस्तों,......

ख़्वाहिश है की ....

जब कफ़न में छुप जाऊँ तो बुरा न कहना...

Meri Khwahish

मेंरी हर ख्वाहिश पूरी हो गई 

जब से उन्होंने कहा मैं तुम्हारा हू

Meri khwahish

Chalo Aaj

हमारे लिए नहीं हामी पर सही, चलो वो आज दिल खोलकर हँसे तो सही 

Chalo aaj