Khwahish Shayari
Uski khwahish
मेरे टूटने की वजह मेरे जोहरी से पूछो....
उस की ख्वाहिश थी कि मुझे थोडा और
तराशा जाये.!!
Khwahish ye nahin
ख़्वाहिश ये नहीं की तारीफ़ हर कोई करे......
कोशिश ये ज़रूर है की कोई बुरा ना कहे.....
Ye kaisi khwahish hai
ये कैसी ख्वाहिश है कि मिटती ही नहीं..
जी भर के तुझे देख लिया फिर भी नजर हटती नहीं..