Kabil Shayari
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Main Tere Layak Nahi Shayari
मुझे यूँ ना देख
मैं इस रिश्ते का कातिल नहीं था,
माना मैं तेरे लायक नहीं था
पर तू भरोसे के लायक नहीं था।
mujhe Yoon Na Dekh
Main Is Rishte Ka Kaatil Nahin Tha,
Maana Main Tere Layak Nahi Tha
Par Too Bharose Ke Laayak Nahin Tha.

ab wo phool
इश्क के गुल,थोडे इंतजार में नहीं खिलते
मंजिल पर खडे लोग,मझधार में नहीं मिलते
रूह तक में बस जाए खुशबू जिनकी
अब वो फूल बाजार में नहीं मिलते
मंजिल पर खडे लोग,मझधार में नहीं मिलते
रूह तक में बस जाए खुशबू जिनकी
अब वो फूल बाजार में नहीं मिलते

nhi the kabil
लो चल दिए हम ज़िन्दगी से शायद खत्म हो सके तेरी शिकायते हम ही नहीं थे काबिल जो निभाते मोहब्बते

tere pyaar ke qabil
कैसे करे हम खुद को तेरे प्यार के काबिल
जब हम आदते बदलते है तो तुम शर्ते बदल देते हो !!
