Poetry Tadka

Judai Shayari

Judai Bahut Satati Hai

किसी लिबास की ख़ुशबू जब उड़ के आती है 

तेरे बदन की जुदाई बहुत सताती है 

तेरे बगैर मुझे चैन कैसे पड़ता है 

मेरे बगैर तुझे नींद कैसे आती है.

judai bahut satati hai

Hum Ko Maloom Hai

हमें मालूम है दो दिल जुदाई सह नहीं सकते 

मगर रस्मे-वफ़ा ये है कि ये भी कह नहीं सकते 

जरा कुछ देर तुम उन साहिलों कि चीख सुन भर लो 

जो लहरों में तो डूबे हैं, मगर संग बह नहीं सकते

Uski Judai Ke Bad

तन्हाई ना पाए कोई साथ के बाद,

जुदाई ना पाए कोई मुलाकात के बाद,

ना पड़े किसी को किसी की आदात इतनी,

कि हर सांस भी आए उसकी याद के बाद

uski judai ke bad

Badi Himmat Di

बड़ी हिम्मत दी उसकी जुदाई ने ना अब किसी 

को खोने का दुःख ना किसी को पाने की चाह

badi himmat di

Na Jane Meri Mout

ना जाने मेरी मौत कैसी होगी..

पर ये तो तय है.,तेरी जुदाई से बेहतर होंगी.

na jane meri mout