Jazbaat Shayari hum mar jaaege तुम्हे ही सहना पड़ेगा गम जुदाई का मेरा क्या है मै तो मर जाऊँगा wo kagaz aaj bhi वो कागज आज भी मुझे फूलो की तरह लगता है जिसपे तुमने लिखा था मुझे तुमसे मोहब्बत है ksh tu dekh sake काश तु देख सके मेरी उदासी के वो पल कितनी प्यार से तेरी याद मेरी नीद चुरा लेती है mujhe kya pta मुझे क्या पता यहा तुम से अच्छा है या नही तुमहारे सिवा किसी और को गौर से देखा ही नहीं bhut roka mgar बहुत रोका मगर कहा तक रोकता मोहब्बत बढती गई तुमहारे नखरो की तरह 1234