Poetry Tadka

Intezaar Shayari

Jab Ho Jaae Meri Mohabbat

जब हो जाये मेरी मोहब्बत पे एतबार

तो लौट आना हम आज भी तेरे इन्तजार में हैं

jab ho jaae meri mohabbat

Sal Pe Saal Aate Gaae

साल पे साल आते गए ,कलेंडर बदलते गए

पर इस दिल को देखो ,

पागल है आज भी तुम्हारा इन्तजार करता है

sal pe saal aate gaae

Tere Wadon Pe Aitbar Kiya

तेरे वादों पे ऐतबार किया 

उम्र भर तेरा इन्तजार किया

अपनें दिल के उदास आंगन में

तेरी यादों को यादगार किया

tere wadon pe aitbar kiya

Tera Intzaar Hai

शाम कब की ढल चुकी है तेरे इन्तज़ार में

अब भी अगर आ जाओ तो ये रात बहुत है

tera intzaar hai

Teri Mohabbat Pe Mera Haq Nahi

तेरी मोहब्बत पे मेरा हक तो नहीं 

पर दिल चाहता है आखरी साँस तक तेरा इंतज़ार करू 

teri mohabbat pe mera haq nahi