ज़रा सी फुर्सत निकाल कर हमारा क़त्ल ही कर दो
यूँ तेरे इन्तजार में तड़प-तड़प के मरना हमसे नहीं होता.
निकले हम दुनिया की भीड़ में तो पता चला
की हर वो शख्स अकेला है जिस जिसे ने मोहब्बत की है
किसी के इन्तेजार की तलब जरूरी है.
वर्ना वक्त गुजरता जरूर है कटता नही
तुम पुकार लो, तुम्हारा इन्तज़ार है
ख़्वाब चुन रही है रात, बेक़रार है
तुम्हारा इन्तज़ार है
होंठ पे लिये हुए दिल की बात हम
जागते रहेंगे और कितनी रात हम
मुख़्तसर सी बात है, तुमसे प्यार है
तुम्हारा इन्तज़ार है...