Poetry Tadka

Intezaar Shayari

Haalat Kah Rahe Hai

हालात कह रहें अब वो याद नही करेगा और उम्मीद कह रही है बस थोडा और इन्तजार

haalat kah rahe hai

Aaj Bhi Tera

मैं आज भी तेरा इन्तजार कर रहा हूँ, 

बस एक बार लौट आओ मेरे पास !!

aaj bhi tera

Shouk Ab Nahi Raha

शोक नही रहा अब हमे इश्क मोहबब्त का... 

वरना आज भी गाँव की गौरी पनघट पे और 

शहर की छोरी ट्यूशन पे हमारा इन्तजार करती है

Jo Sfar Ki Suraat Karte

जो सफर की शुरुआत करते हैं,

वे मंजिल भी पा लेते हैं बस,

एक बार चलने का हौसला रखना जरुरी है.

क्योंकि,अच्छे इंसानों का तो रास्ते भी इन्तजार करते है

Intezaar Karenge Un Palo Ka

इन्तज़ार करेंगे उन पलो का हम भी बेचैनी से जब तेरे फ़ैसले तुझ तडपायेगे बहुत

intezaar karenge un palo ka