Poetry Tadka

Husn Shayari

Naaz Na Ho

वो हुस्न ही क्या जिसे नाज ना हो..

और वो इश्क ही क्या जिसमें आग ना हो

naaz na ho

Tere Husn Ko

तेरे हुस्न को नकाब की जरुरत ही क्या है 

न जाने कौन रहता होगा होश में तुझे देखने के बाद

tere husn ko