खामोशियाँ कर दे बयाँ तो अलग बात है
कुछ दर्द एसे भी है जो लफ्जों में उतारे नहीं जाते
उसूल तो हमारे भी बहुत थे
मगर वो ज़माने को नागवार गुज़रे
लहू बेच बेच जिसने परिवार को पाला
वो भूखा ही सो गया जब बच्चे कमाने वाले हो गये
संसार में सबसे बड़ा आदमी वही कहलाता है , जिससे मिलने के बाद कोई इन्सान खुद को छोटा महसूस ना करे