खवाहिश नही मुझे मशहुर होने की आप मुझे पहचानते हो बस इतना ही काफी है !!
पता नहीं होश में हूँ या बेहोश हूँ मैं.पर बहोत सोच समझकर खामोश हूँ मैं !!
एक मकान तब तक घर नहीं बन सकता
जब तक उसमे दिमाग और शरीर दोनों के
लिए भोजन और भभक ना हो !!
अगर जिंदगी शान से जिनी हो तो,
धमाके और अपने जलवे दिखाने ही पडेंगे !!