एक माटी का दिया सारी रात अंधेरो से लड़ता है तू तो भगवान का दिया है तो फिर क्यों अंधेरो से डरता है !!
तुम हसतीं हो मुझे हसाने के लिये, तुम रोती हो मुझे रुलाने के लिये, तुम एक बार रूठ कर तो देखो, मै मर जाउंगा तुम्हे मनाने के लिये !!
अगर तू वजह न पूँछे तो एक बात कहूँ,
बिन तेरे अब हमसे जिया नहीं जाता !!
चलो अब जाने भी दो क्या करोगे दास्तां सुनकर
ख़ामोशी तुम समझोगे नही और बयां हमसे होगा नही !!