कभी कभी बुरा वक़्त आपको अच्छे
लोगों से मिलवाने के लिए आता है।
लफ़्ज़ों के दांत नहीं होते,
मगर ये काट लेते हैं।
न जाने मौत को क्या दुश्मनी है
मुझसे इतना प्यार से बुलाता हूँ
कमबख्त फिर भी नहीं आती
दायरे में सिमट के आया है,
हर खायत से हट के आया है,
दुश्मनों को ज़रा खबर कर दो,
शेर वापस पलट के आया है..!!